मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया चेन्नई रोड शो में प्रतिभाग किया
निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए किया आमंत्रित।
चेन्नई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में आगामी 08 और 09 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर गुरुवार को चेन्नई में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान विभिन्न सेक्टर्स से जुड़े निवेशकों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री धामी के साथ चेन्नई रोड शो में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चेन्नई में आयोजित रोड शो में आए विभिन्न समूहों के निवेशकों को 8 और 9 दिसंबर 2023 को देहरादून में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और उत्तराखंड का आध्यात्मिक रूप से संबंध है। तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखण्ड में श्री केदारनाथ एवं आदि कैलाश विश्व प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखंड में श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड और तमिल संगमम को आगे बढ़ाया जाएगा।
उत्तराखण्ड में हैं निवेश की अपार संभावनाऐं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे अनेकों क्षेत्रों में निवेश की अपार संम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड राज्य को पीस टू प्रोसपेरिटी के मूल मंत्र के साथ सक्रिय एवं निवेश अनुकूल बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा उत्कृष्ट मानव श्रम, बेहतर अवस्थापना सुविधायें, शान्तिपूर्ण वातावरण, पारदर्शी प्रोत्साहन नीतियां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन, आयुष, वेलनेस, फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो मोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा और सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र को फोकस सेक्टर के रुप में शामिल किया है।
उत्तराखण्ड की ओर तेज़ी से बढ़ रहा निवेशकों का रुझान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक आयोजित रोड शो में देश एवं विदेशों से निवेशकों द्वारा उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशकों का तेज़ी से रुझान उत्तराखण्ड की ओर बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि निजी क्षेत्र के साथ मजबूत सम्बन्ध बनाने एवं साझेदारी स्थापित करने से ही हम राज्य में आर्थिक प्रगति एवं रोजगार के अवसरों के सृजन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, यही कारण है कि उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार ने उद्योगों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं तालमेल बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को इन्वेस्टर्स फ्रेंडली बनाने के लिए विगत कुछ माह में 30 से अधिक नीतियों में संशोधन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की थीम को “पीस टू प्रोस्पेरिटी” रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड, देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश होने के साथ ही निवेश हेतु भी बेहतरीन डेस्टिनेशन है।उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सरकार ने निवेशकों के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं।
कैबिनेट मंत्री सौरव बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में रोड, एयर और रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में कई इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों को संशोधित किया गया है।
कार्यक्रम में सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और विभिन्न क्षेत्रों के निवेशक उपस्थित रहे। ।